गंगोत्री धाम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में समुद्र तल से लगभग 3,100 मीटर (10,200 फीट) की ऊँचाई पर स्थित चार धामों में से एक है। यह स्थान माँ गंगा के उद्गम के लिए प्रसिद्ध है। हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक यहाँ माँ गंगा के दर्शन और आशीर्वाद लेने आते हैं।
गंगोत्री धाम केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि एक अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पर्यटन स्थल भी है। यहाँ बर्फ से ढकी चोटियाँ, कल-कल करती भागीरथी नदी और देवदार के घने जंगल हर किसी का मन मोह लेते हैं।
Table of Contents
Toggle1.गंगोत्री धाम का पौराणिक इतिहास: Historical & Mythological Significance
गंगोत्री का इतिहास पौराणिक कथाओं में गहराई से जुड़ा हुआ है।
- पौराणिक कथा के अनुसार – राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों के मोक्ष के लिए कठिन तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर माँ गंगा स्वर्ग से धरती पर उतरीं, लेकिन उनके वेग को सहन करने के लिए भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में धारण किया और धीरे-धीरे धरती पर छोड़ा।
- जहाँ माँ गंगा सबसे पहले पृथ्वी पर प्रकट हुईं, वही स्थान गंगोत्री धाम कहलाया।
- यहाँ पर स्थित गंगोत्री मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में गोरखा जनरल अमर सिंह थापा ने करवाया था।
2.गंगोत्री मंदिर – Gangotri Temple Overview
- निर्माण वर्ष: 18वीं शताब्दी
- ऊँचाई: 3,100 मीटर (10,200 फीट)
- मुख्य देवता: माँ गंगा
- खुलने का समय: मई से नवंबर (अक्षय तृतीया को खुलता है, दिवाली के बाद बंद हो जाता है)
- मंदिर सफेद ग्रेनाइट पत्थरों से बना हुआ है और इसकी वास्तुकला बेहद सुंदर है।
- भागीरथी नदी के किनारे स्थित यह मंदिर एक शांत और दिव्य वातावरण प्रदान करता है।
3.गंगोत्री यात्रा का महत्व – Spiritual Significance of Gangotri Yatra
यह मंदिर हर वर्ष अप्रैल/मई में अक्षय तृतीया को खुलता है और दीपावली तक तीर्थयात्रियों के लिए खुला रहता है।समुद्र तल से लगभग 3,100 मीटर की ऊँचाई पर स्थित गंगोत्री मंदिर सफेद संगमरमर और ग्रेनाइट से निर्मित है, और इसकी पृष्ठभूमि में हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियाँ इस स्थान को अत्यंत रमणीय बना देती हैं।
- माना जाता है कि यहाँ स्नान करने और माँ गंगा के दर्शन से सारे पाप धुल जाते हैं।
- यह चार धाम यात्रा का एक अहम हिस्सा है – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ।
- गंगोत्री से ही गौमुख ट्रेक की शुरुआत होती है, जो गंगा नदी का वास्तविक उद्गम स्थल है।
4.गंगोत्री कैसे पहुँचें?: How to reach Gangotri?
A) हवाई मार्ग – By Air
- निकटतम एयरपोर्ट: जॉली ग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून (लगभग 270 किमी)
- एयरपोर्ट से आप टैक्सी, कैब या बस के जरिए उत्तरकाशी और फिर गंगोत्री पहुँच सकते हैं।
- दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों से नियमित फ्लाइट्स उपलब्ध हैं।
(B) रेल मार्ग – By Train
- निकटतम रेलवे स्टेशन: ऋषिकेश (लगभग 250 किमी)
- ऋषिकेश से उत्तरकाशी और गंगोत्री तक बस या टैक्सी सेवाएँ मिल जाती हैं।
(C) सड़क मार्ग – By Road
- गंगोत्री उत्तराखंड के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा है।
- मुख्य बस अड्डे: देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, उत्तरकाशी।
- दिल्ली से गंगोत्री की दूरी लगभग 500 किमी है, जिसे कार या बस से 12–14 घंटे में तय किया जा सकता है।
- गंगोत्री पहुँचने के लिए सबसे पहले देहरादून, हरिद्वार या ऋषिकेश पहुँचना होता है। वहाँ से उत्तरकाशी होते हुए गंगोत्री तक सड़क मार्ग द्वारा जाया जा सकता है।
मुख्य मार्ग:
- हरिद्वार से उत्तरकाशी – लगभग 188 किलोमीटर
- उत्तरकाशी से गंगोत्री – लगभग 100 किलोमीटर
- निकटतम रेलवे स्टेशन: देहरादून और ऋषिकेश
- निकटतम हवाई अड्डा: जॉली ग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून
5.यात्रा का सबसे अच्छा समय – Best Time to Visit Gangotri dham yatra
| महीना | मौसम का हाल | यात्रा के लिए उपयुक्त? |
|---|---|---|
| अप्रैल–जून | सुहावना, बर्फ पिघलने लगती है | |
| जुलाई–सितंबर | मानसून, बारिश और भूस्खलन का खतरा | |
| अक्टूबर–नवंबर | ठंडक, भीड़ कम | |
| दिसंबर–मार्च | भारी बर्फबारी, रास्ते बंद |
Pro Tip: गंगोत्री यात्रा के लिए मई और जून सबसे अच्छा समय है।
6.पंजीकरण प्रक्रिया (Registration Process)
चारधाम यात्रा 2025 के लिए उत्तराखंड सरकार ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पंजीकरण की सुविधा दी है। Gangotri dham yatra के लिए भी पंजीकरण अनिवार्य है।
1.ऑनलाइन पंजीकरण:
- उत्तराखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट: https://registrationandtouristcare.uk.gov.in
- मोबाइल ऐप: Tourist Care Uttarakhand
2.ऑफलाइन पंजीकरण केंद्र:
- हरिद्वार, ऋषिकेश, उत्तरकाशी आदि में सरकारी केंद्र
3.पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज:
- पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर ID, पासपोर्ट आदि)
- एक पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
7.Gangotri dham yatra की तैयारी और जरूरी सामान
गंगोत्री की यात्रा कठिन हो सकती है क्योंकि यह ऊँचाई पर स्थित है और मौसम अस्थिर रहता है
- ऊनी कपड़े और गर्म जैकेट
- दवाइयाँ (खासकर AMS – Acute Mountain Sickness के लिए)
- चलने के लिए आरामदायक जूते
- पावर बैंक, टॉर्च, सनस्क्रीन
- व्यक्तिगत आईडी और पंजीकरण स्लिप
8.गंगोत्री में घूमने की जगहें-Gangotri Places to Visit
Gangotri dham yatraके दौरान कई अन्य महत्वपूर्ण स्थानों का दर्शन भी किया जा सकता है:
(1) गंगोत्री मंदिर
माँ गंगा का पवित्र मंदिर, जहाँ रोज़ सुबह और शाम आरती होती है।
(2) गौमुख ग्लेशियर
गंगा का वास्तविक उद्गम स्थल, गंगोत्री से 18 किमी की ट्रेकिंग पर।
(3) भगीरथ शिला
वह स्थान जहाँ राजा भगीरथ ने माँ गंगा को बुलाने के लिए तपस्या की थी।
(4) पांडव गुफा
मान्यता है कि पांडवों ने महाभारत के बाद यहीं ध्यान लगाया था।
(5) सूर्य कुंड और गंगा कुंड
भागीरथी नदी का बेहद सुंदर जलप्रपात और पवित्र स्नान स्थल।
9.यमुनोत्री से गंगोत्री के बीच की दूरी कितनी है?:What is the distance between Yamunotri and Gangotri?
यमुनोत्री से गंगोत्री की दूरी सड़क मार्ग से लगभग 230 से 240 किलोमीटर के बीच होती है। हालांकि दोनों धाम उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं, लेकिन पहाड़ी मार्गों और घाटियों के कारण सीधा रास्ता नहीं है, इसलिए दूरी अधिक हो जाती है।इस यात्रा में आमतौर पर 8 से 10 घंटे का समय लग सकता है, जो मौसम और सड़क की स्थिति पर निर्भर करता है। अधिकतर यात्री इस मार्ग को यात्रा क्रम में नहीं जोड़ते, बल्कि अलग-अलग दिन यमुनोत्री और Gangotri dham yatra करते हैं।
A.Gangotri Trekking Distance – गंगोत्री ट्रेक की दूरी
Gangotri dham yatra के दौरान गंगोत्री ट्रेक की दूरी आपके चुने हुए मार्ग पर निर्भर करती है। गंगोत्री से गौमुख (Gaumukh) तक का ट्रेक लगभग 18 किलोमीटर का है, जिसे तय करने में औसतन 6-8 घंटे लगते हैं।Gangotri Walking Distance गंगोत्री में पैदल दूरी यह दूरी पैदल, पहाड़ी रास्तों और कुछ कठिन चढ़ाई के साथ पूरी होती है।
B. ट्रेक रूट
- गंगोत्री से भोजबासा – 14 किमी
- भोजबासा से गौमुख – 4 किमी
- कुल दूरी: लगभग 18 किमी (वन-वे)
C. परमिट प्रक्रिया
- गौमुख जाने के लिए वन विभाग का परमिट लेना अनिवार्य है।
- उत्तरकाशी DFO ऑफिस या ऑनलाइन वेबसाइट से परमिट प्राप्त किया जा सकता है।
- एक दिन में केवल सीमित संख्या में ही पर्यटकों को एंट्री मिलती है।
D.रुकने की व्यवस्था
- भोजबासा में GMVN गेस्ट हाउस
- टेंट लगाने की सुविधा (अनुमति के साथ)
E.ट्रेक के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
- ट्रेकिंग स्टिक और वाटरप्रूफ जूते ज़रूरी हैं।
- रास्ते में कचरा न फैलाएँ, पर्यावरण का ध्यान रखें।
- मौसम अचानक बदल सकता है, रेनकोट रखें।
10.होटल और ठहरने की व्यवस्था (Hotels & Accommodation)
गंगोत्री में हर बजट के यात्रियों के लिए ठहरने की सुविधा उपलब्ध है –
- धार्मिक धर्मशालाएं – कम खर्च में भोजन व ठहरने की सुविधा।
- बजट होटल – साफ-सुथरे कमरे, बेसिक सुविधाएं।
- मिड-रेंज होटल – हॉट वॉटर, वाई-फाई, रूम सर्विस जैसी सुविधाएं।
- लक्ज़री होटल – सीमित संख्या में, लेकिन बेहतरीन व्यू और हाई-एंड सुविधाओं के साथ।
11.Gangotri dham yatra पर खाने-पीने की सुविधा (Food & Dining)
गंगोत्री में आपको मुख्य रूप से शाकाहारी भोजन मिलेगा, जिसमें प्याज और लहसुन का प्रयोग कम होता है।
- थाली सिस्टम – दाल, चावल, रोटी, सब्जी और अचार।
- टी स्टॉल और स्नैक्स – चाय, पकोड़े, मैगी, हल्के स्नैक्स।
- धार्मिक प्रसाद – मंदिर के आसपास मुफ्त या दान के आधार पर भोजन।
12.Gangotri dham yatra के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- गंदगी ना फैलाएँ, प्रकृति और धर्मस्थल की मर्यादा बनाए रखें।
- ऊँचाई की वजह से ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, सतर्क रहें।
- स्थानीय लोगों और गाइड की सलाह मानें।
- मौसम की जानकारी पहले से लें और उसी अनुसार तैयारी करें।
13.गंगोत्री धाम यात्रा से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)
1. गंगोत्री ट्रेकिंग की दूरी कितनी है?
- गंगोत्री से गौमुख (जहाँ से भागीरथी नदी निकलती है) तक ट्रेक की दूरी लगभग 18-19 किलोमीटर है। इसे पूरा करने में 6-8 घंटे लग सकते हैं।
2. गंगोत्री में घूमने की जगहें कौन-कौन सी हैं?
गंगोत्री में मुख्य आकर्षण स्थल हैं:
- गंगोत्री मंदिर
- सूर्यकुंड और गौरीकुंड झरना
- भैरवघाटी
- गौमुख ग्लेशियर
- तपोवन और नंदनवन
- केदार ताल
3. गंगोत्री मंदिर तक ट्रेक की दूरी कितनी है?
- गंगोत्री मंदिर तक वाहन से सड़क मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है। यहाँ ट्रेकिंग की आवश्यकता नहीं है। लेकिन मंदिर से आगे गौमुख और तपोवन ट्रेक की शुरुआत होती है।
4. गंगोत्री वॉकिंग डिस्टेंस (पैदल दूरी) कितनी है?
- गंगोत्री कस्बे से मंदिर तक पैदल दूरी बहुत कम है, लगभग 500-700 मीटर।
5. गंगोत्री से समुद्र तल से ऊँचाई कितनी है?
गंगोत्री समुद्र तल से लगभग 3,100 मीटर (10,200 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है।
6. गंगोत्री यात्रा का रूट क्या है?
आमतौर पर गंगोत्री का रूट इस प्रकार है:
ऋषिकेश → उत्तरकाशी → हर्षिल → गंगोत्री
ऋषिकेश से गंगोत्री की कुल दूरी लगभग 240 किलोमीटर है।
7. गंगोत्री से यमुनोत्री कितनी दूर है?
- सड़क मार्ग से गंगोत्री से यमुनोत्री की दूरी लगभग 220 किलोमीटर है।
8. गंगोत्री की ऊँचाई कितनी है?
- गंगोत्री की ऊँचाई समुद्र तल से लगभग 3,100 मीटर है।
9. गंगोत्री कितने किलोमीटर है?
यह प्रश्न अधूरा है। यदि आप दिल्ली से गंगोत्री की दूरी पूछ रहे हैं तो यह लगभग 500 किलोमीटर है।
- दिल्ली से ऋषिकेश – 240 km
- ऋषिकेश से गंगोत्री – 260 km
10. गंगोत्री ट्रेक कितना कठिन है?
गंगोत्री से गौमुख और आगे तपोवन ट्रेक मध्यम से कठिन स्तर (Moderate to Difficult) का माना जाता है।
- गौमुख तक – आसान से मध्यम (18 km)
- तपोवन तक – कठिन (ग्लेशियर पार करना पड़ता है)
निष्कर्ष:
Gangotri dham yatra केवल एक धार्मिक अनुभव नहीं बल्कि एक जीवन में आत्मिक और प्राकृतिक आनंद का संगम है। यहाँ की यात्रा हर भारतीय के लिए एक बार अवश्य करने योग्य है। 2025 की चारधाम यात्रा में अगर आप Gangotri dham yatra पर जा रहे हैं तो सही योजना, पंजीकरण और तैयारी के साथ इस पवित्र स्थल का दर्शन करें और माँ गंगा का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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हर हर गंगे!

